आज समाज में जितनी भी समस्याएं हैं चाहें वह पारिवारिक हो , सामाजिक या राजनीतिक हों , उनका प्रमुख कारण यही है कि आज व्यक्ति बहुत स्वार्थी हो गया, है । प्रत्येक व्यक्ति केवल अपना सुख चाहता है चाहे वह किसी भी कीमत पर मिले । आज लोगों के हृदय में संवेदना नहीं है । अपने हित को पूरा करने के लिये दूसरों को , प्रकृति को कितना भी कष्ट हो जाये उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता , लेकिन ऐसे कार्यों की प्रतिक्रिया अवश्य होती है ।
हम सब एक माला के मोती है --- इस सत्य को स्वीकार करना होगा । दूसरे को कष्ट देकर अपना हित पूरा करने से कभी शांति नहीं मिलती । स्वार्थ व्यक्ति को अँधा कर देता है , स्वार्थी व्यक्ति में विवेक नहीं होता इसलिए उसके निर्णय गलत हो जाते हैं और ये गलत निर्णय ही उसकी अशांति का कारण होते हैं । हम सब ईश्वर से सद्बुद्धि की याचना करें , सद्बुद्धि होगी तभी हम समझ सकेंगे कि हमारा हित किसमें है ।
हम सब एक माला के मोती है --- इस सत्य को स्वीकार करना होगा । दूसरे को कष्ट देकर अपना हित पूरा करने से कभी शांति नहीं मिलती । स्वार्थ व्यक्ति को अँधा कर देता है , स्वार्थी व्यक्ति में विवेक नहीं होता इसलिए उसके निर्णय गलत हो जाते हैं और ये गलत निर्णय ही उसकी अशांति का कारण होते हैं । हम सब ईश्वर से सद्बुद्धि की याचना करें , सद्बुद्धि होगी तभी हम समझ सकेंगे कि हमारा हित किसमें है ।
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