आज हम देखते हैं कि संसार के हर कोने में अशान्ति है , इस अशान्ति में भी वे लोग ही शान्ति से जी रहें हैं जिन्हें अपनी मेहनत और ईश्वर की देन पर विश्वास है ।
कुछ समय पहले तक डाकू होते थे , उनका भी इमान था , वे देवी के भक्त थे और स्वयं को डाकू स्वीकार कर वे बीहड़ों में रहते थे । लेकिन अब अपराधी , भ्रष्टाचारी , अनैतिक कार्य करने वाले सब लोग समाज में ही घुले - मिले रहते हैं जिन्हें पहचानना बड़ा मुश्किल है । और उनका यह स्वभाव होता है कि अधिक से अधिक लोग उनके गलत कार्यों में सहयोग दें । सच्चाई मिट जाये , और जंगल राज हो जाये ।
अपने इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए वे लालच का जाल बिछाते हैं , व्यक्ति अपने छोटे - छोटे लालच की वजह से सारे जीवन के लिए इनके जाल में फंस जाता है और उनकी कठपुतली बन कर कार्य करता है । फिर उसके पास इनसे बचने का कोई रास्ता नहीं है --- इनके जाल में फंस गये तो इनकी कठपुतली बनकर उनकी अपराधिक गतिविधियों में सहयोग करो ।
इसलिए उचित यही है कि हम अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण रखें , किसी भी तरह के लालच में न आयें ।
कुछ समय पहले तक डाकू होते थे , उनका भी इमान था , वे देवी के भक्त थे और स्वयं को डाकू स्वीकार कर वे बीहड़ों में रहते थे । लेकिन अब अपराधी , भ्रष्टाचारी , अनैतिक कार्य करने वाले सब लोग समाज में ही घुले - मिले रहते हैं जिन्हें पहचानना बड़ा मुश्किल है । और उनका यह स्वभाव होता है कि अधिक से अधिक लोग उनके गलत कार्यों में सहयोग दें । सच्चाई मिट जाये , और जंगल राज हो जाये ।
अपने इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए वे लालच का जाल बिछाते हैं , व्यक्ति अपने छोटे - छोटे लालच की वजह से सारे जीवन के लिए इनके जाल में फंस जाता है और उनकी कठपुतली बन कर कार्य करता है । फिर उसके पास इनसे बचने का कोई रास्ता नहीं है --- इनके जाल में फंस गये तो इनकी कठपुतली बनकर उनकी अपराधिक गतिविधियों में सहयोग करो ।
इसलिए उचित यही है कि हम अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण रखें , किसी भी तरह के लालच में न आयें ।
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