अनैतिक कार्यों और अपराध को कानून व समाज मान्यता नहीं देता इसलिए ऐसे कार्य व्यक्ति छिपकर करता है और समाज में स्वयं को एक भला इनसान घोषित करने का प्रयत्न करता है | ऐसे लोगों की संख्या इतनी अधिक हो गई है कि कौन किसे सजा दे ?
अब जरुरत इस बात की है कि गलत राह पर चलने वालों में किसी तरह सद्बुद्धि आ जाये और वे बुराई का रास्ता छोड़कर सन्मार्ग पर चल पड़ें !
जो लोग अपराध आदि गलत व अमानवीय कार्यों को करते हैं तो उनके पास धन - दौलत , जमीन - जायदाद , वैभव - विलास सब बहुत होता है , उनके पास यदि कोई अभाव है तो वह है ----- ऐसे लोगों के पास सद्बुद्धि नहीं होती | इस कारण सब होने पर भी ये लोग अतृप्त व अशांत रहते हैं | छोटे से छोटा अपराधी भी आतंक के बल पर अपने क्षेत्र पर राज करना चाहता है , पर वास्तव में वे इंसानों पर नहीं चलते - फिरते बुत पर , पुतलों पर राज करते हैं , इसीलिए अतृप्त रहते हैं और अपना दायरा बढ़ाने मे लगे रहते हैं |
यदि इन लोगों में सद्बुद्धि आ जाये और ये अपनी सम्पति को लोक - कल्याण के लिए प्रयोग करें . धर्मशालाएं बनवाएं, सड़क के किनारे वृक्ष लगवाएं , गरीबों के लिए धर्मार्थ अस्पताल व नि:शुल्क शिक्षा का प्रबंध करें ---- ऐसे बहुत से परोपकार के कार्य करें तो उनका जीवन सार्थक हो जाये , उनके मन को शान्ति मिले और समाज में भी शान्ति हो |
अब जरुरत इस बात की है कि गलत राह पर चलने वालों में किसी तरह सद्बुद्धि आ जाये और वे बुराई का रास्ता छोड़कर सन्मार्ग पर चल पड़ें !
जो लोग अपराध आदि गलत व अमानवीय कार्यों को करते हैं तो उनके पास धन - दौलत , जमीन - जायदाद , वैभव - विलास सब बहुत होता है , उनके पास यदि कोई अभाव है तो वह है ----- ऐसे लोगों के पास सद्बुद्धि नहीं होती | इस कारण सब होने पर भी ये लोग अतृप्त व अशांत रहते हैं | छोटे से छोटा अपराधी भी आतंक के बल पर अपने क्षेत्र पर राज करना चाहता है , पर वास्तव में वे इंसानों पर नहीं चलते - फिरते बुत पर , पुतलों पर राज करते हैं , इसीलिए अतृप्त रहते हैं और अपना दायरा बढ़ाने मे लगे रहते हैं |
यदि इन लोगों में सद्बुद्धि आ जाये और ये अपनी सम्पति को लोक - कल्याण के लिए प्रयोग करें . धर्मशालाएं बनवाएं, सड़क के किनारे वृक्ष लगवाएं , गरीबों के लिए धर्मार्थ अस्पताल व नि:शुल्क शिक्षा का प्रबंध करें ---- ऐसे बहुत से परोपकार के कार्य करें तो उनका जीवन सार्थक हो जाये , उनके मन को शान्ति मिले और समाज में भी शान्ति हो |
No comments:
Post a Comment