आज से कुछ दशक पूर्व लोग अपराधियों का , बेईमान व अनीति करने वालों का सामाजिक बहिष्कार करते थे , ऐसे लोग जिनका चरित्र अच्छा नहीं है उनके साथ उठना - बैठना उचित नहीं समझते
थे । इस कारण अधिकांश लोग गलत रास्ते पर चलने से , पाप और अपराध करने से डरते थे ।
लेकिन अब ऐसा नहीं है ।
अब तो ऐसे लोगों से डरकर या लाभ उठाने के लिए अनेक उनके समर्थक बन जाते हैं । कानून से भी सजा मिलने में बहुत समय लगता है , सजा कम मिलती है , अनेक अपराधी बच जाते हैं ।
ऐसे ही लोग ढीठ व उच्छ्रंखल होकर समाज में अशांति उत्पन्न करते हैं |
संसार में शान्ति तभी होगी जब नैतिकता के आधार पर अच्छे व बुरे व्यक्ति को परिभाषित किया जायेगा । जो लोग ऐसे अनैतिकता की राह पर चलने वालों का समर्थन करते हैं , उन्हें जागरूक होना पड़ेगा कि ऐसे लोग किसी के सगे नहीं होते , वे स्वार्थी होते हैं अपने समर्थकों का शोषण करने और अहित करने से नहीं चूकेंगे |
थे । इस कारण अधिकांश लोग गलत रास्ते पर चलने से , पाप और अपराध करने से डरते थे ।
लेकिन अब ऐसा नहीं है ।
अब तो ऐसे लोगों से डरकर या लाभ उठाने के लिए अनेक उनके समर्थक बन जाते हैं । कानून से भी सजा मिलने में बहुत समय लगता है , सजा कम मिलती है , अनेक अपराधी बच जाते हैं ।
ऐसे ही लोग ढीठ व उच्छ्रंखल होकर समाज में अशांति उत्पन्न करते हैं |
संसार में शान्ति तभी होगी जब नैतिकता के आधार पर अच्छे व बुरे व्यक्ति को परिभाषित किया जायेगा । जो लोग ऐसे अनैतिकता की राह पर चलने वालों का समर्थन करते हैं , उन्हें जागरूक होना पड़ेगा कि ऐसे लोग किसी के सगे नहीं होते , वे स्वार्थी होते हैं अपने समर्थकों का शोषण करने और अहित करने से नहीं चूकेंगे |
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