सच्चाई , ईमानदारी और कर्तव्यपालन इन गुणों का जहाँ भी अभाव है वहीँ अशान्ति है । शिक्षा , व्यवसाय , पारिवारिक जीवन , घर , ऑफिस ----- जीवन का कोई भी क्षेत्र हो , इन गुणों का अभाव होने पर अशान्ति ही मिलेगी । चाहे माता - पिता हों , शिक्षक हों या कार्यालय प्रमुख हो , बॉस हो ---- इनका आचरण ही पक्षपातपूर्ण हो , वे स्वयं चरित्रवान न होंगे तो किसी को क्या दिशा दे पाएंगे ? आज की सबसे बड़ी जरुरत इसी वर्ग में सुधार की है l समाज के जिम्मेदार वर्ग को स्वयं के ह्रदय को टटोलने की जरुरत है , आने वाली पीढ़ी को दोष देने से समस्या हल नहीं
होती । मनुष्यों में अनुकरण करने की आदत होती है , बुराई का अनुकरण वह बहुत जल्दी करता
है । स्वयं का सुधार बहुत जरुरी है ।
होती । मनुष्यों में अनुकरण करने की आदत होती है , बुराई का अनुकरण वह बहुत जल्दी करता
है । स्वयं का सुधार बहुत जरुरी है ।
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