संसार का इतिहास युद्धों से , खून - खराबा और अपराध की घटनाओं से भरा पड़ा है l इसका अर्थ है कि काम , क्रोध , लोभ , ईर्ष्या, द्वेष आदि दुष्प्रवृत्तियों के वशीभूत होकर मनुष्य आरम्भ से ही स्वयं को और अपने सुख - साधनों को नष्ट करता रहा है । इतिहास का एक सकारात्मक पक्ष भी है ---- ऐसे अनेक महान पुरुष हुए जिन्होंने ऐसी नकारात्मकता के बीच रहते हुए भी विभिन्न क्षेत्रों में कीर्तिमान स्थापित किये , अपने कार्यों से वे संसार में अमर हो गये ।
हमें ऐसे ही महान लोगों के जीवन से , उनके विभिन्न संस्मरण से हमें जीना सीखना है ।
हमारी साँसे सीमित हैं , हमारी ऊर्जा भी सीमित है । इसे यदि हम ऐसे लोगों से विवाद कर , आपस में झगड़ा कर गंवाएंगे तो कुछ सकारात्मक करने के लिए वक़्त कैसे बचेगा ।
दुष्प्रवृतियो से ग्रस्त व्यक्ति काँटे के समान है जो सबके साथ चुभने वाला व्यवहार करता है ।
काँटा तो फिर भी पाँव पड़ जाये तभी चुभता है , मनुष्य के पास तो बुद्धि है वह इसका दुरूप योग हमेशा षड्यंत्र रचने और दूसरों को उत्पीड़ित करने में करता है ।
हमें ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए , उनसे किसी बात पर उलझें नहीं ।
हम सहनशील अवश्य बने , पर कायर न बने । अत्याचारी , अन्यायी का सामना करने के लिए अपनी आत्मशक्ति को बढ़ाएं । कर्तव्यपालन के साथ सत्कर्म करने से , सदाचार पूर्ण जीवन जीने से , सन्मार्ग पर चलने से आत्मविश्वास बढ़ता है , विवेकबुद्धि जाग्रत होती है और ह्रदय में वो शक्ति उत्पन्न होती है जिससे हम अत्याचारी को पराजित कर सकें ।
हमें ऐसे ही महान लोगों के जीवन से , उनके विभिन्न संस्मरण से हमें जीना सीखना है ।
हमारी साँसे सीमित हैं , हमारी ऊर्जा भी सीमित है । इसे यदि हम ऐसे लोगों से विवाद कर , आपस में झगड़ा कर गंवाएंगे तो कुछ सकारात्मक करने के लिए वक़्त कैसे बचेगा ।
दुष्प्रवृतियो से ग्रस्त व्यक्ति काँटे के समान है जो सबके साथ चुभने वाला व्यवहार करता है ।
काँटा तो फिर भी पाँव पड़ जाये तभी चुभता है , मनुष्य के पास तो बुद्धि है वह इसका दुरूप योग हमेशा षड्यंत्र रचने और दूसरों को उत्पीड़ित करने में करता है ।
हमें ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए , उनसे किसी बात पर उलझें नहीं ।
हम सहनशील अवश्य बने , पर कायर न बने । अत्याचारी , अन्यायी का सामना करने के लिए अपनी आत्मशक्ति को बढ़ाएं । कर्तव्यपालन के साथ सत्कर्म करने से , सदाचार पूर्ण जीवन जीने से , सन्मार्ग पर चलने से आत्मविश्वास बढ़ता है , विवेकबुद्धि जाग्रत होती है और ह्रदय में वो शक्ति उत्पन्न होती है जिससे हम अत्याचारी को पराजित कर सकें ।
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