आज  की  आपाधापी  की  जिन्दगी  में  मनुष्य  कर्म  तो  कर  रहा  है   लेकिन  उस  कर्म  में  ईमानदारी  नहीं  है   ।  चाहे  डाक्टर हो , इंजीनियर  हो  ,  शिक्षक , नेता  या  वकील, साधु - संत     कोई  भी  हो    उसका    मुख्य  उद्देश्य  अधिकाधिक  लाभ  कमाना     है  ।   इसी  कारण  ऐसे  लोग  जनता  का     शोषण  करते  हैं  उन्हें  बेवकूफ   बनाते  हैं  । 
कर्तव्य से विमुखता की यह स्थिति बहुत खतरनाक है , पूरे समाज की स्थिति ऐसी हो जाती है जैसे वह भंवर में फंसा हो । लोग सोचते हैं , हम गलती कर रहे है तो क्या हुआ , हम अपने परिवार , अपने बच्चों को बचा लेंगे लेकिन ऐसा होता नहीं है ।
जब हर व्यक्ति दूसरे को बेवकूफ बनाने पर आमदा हो तो कोई भी नहीं बच सकता ।
कर्तव्य से विमुखता की यह स्थिति बहुत खतरनाक है , पूरे समाज की स्थिति ऐसी हो जाती है जैसे वह भंवर में फंसा हो । लोग सोचते हैं , हम गलती कर रहे है तो क्या हुआ , हम अपने परिवार , अपने बच्चों को बचा लेंगे लेकिन ऐसा होता नहीं है ।
जब हर व्यक्ति दूसरे को बेवकूफ बनाने पर आमदा हो तो कोई भी नहीं बच सकता ।
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