भेदभाव किसी भी क्षेत्र में हो , उससे अशान्ति उत्पन्न होती है ------ जैसे --- पुत्र और पुत्री में लोग भेद करते हैं , नारी जाति को उपेक्षित व अपमानित करते हैं उसका परिणाम समाज में विभिन्न रूपों में दिखाई देता है । इसी तरह अमीर - गरीब , और ऊँच - नीच के भेद भाव ने संसार में युगों से अशान्ति पैदा की है । आज के इस वैज्ञानिक युग ने एक और तरीके का वर्गभेद पैदा कर दिया ।
प्राचीन समय में गुरुकुल थे जहाँ कृष्ण और सुदामा एक साथ शिक्षा प्राप्त करते थे , शिक्षा के स्तर पर अमीर - गरीब में भेद नहीं था लेकिन आज के इस युग में यह क्षेत्र भी इस बुराई से बचा नहीं । एक और ऐसा वर्ग है जो शिक्षित है , जिसे आधुनिक संचार क्रान्ति के सब साधनों का ज्ञान है , दूसरी और ऐसा वर्ग है , सुदूर गाँव में रहने वाला जो अंगूठा छाप है ।
भेदभाव चाहे जितने हों लेकिन रहते सब एक ही समाज में हैं , और सब परस्पर निर्भर हैं ---- एक माला के मोती की तरह ।
परस्पर निर्भरता को समझ न पाने के कारण या अपने अहंकार के कारण दूसरे वर्ग को उपेक्षित करने , अनदेखा करने के कारण ही विभिन्न प्रकार के अपराध और अशान्ति उत्पन्न होती है ।
प्राचीन समय में गुरुकुल थे जहाँ कृष्ण और सुदामा एक साथ शिक्षा प्राप्त करते थे , शिक्षा के स्तर पर अमीर - गरीब में भेद नहीं था लेकिन आज के इस युग में यह क्षेत्र भी इस बुराई से बचा नहीं । एक और ऐसा वर्ग है जो शिक्षित है , जिसे आधुनिक संचार क्रान्ति के सब साधनों का ज्ञान है , दूसरी और ऐसा वर्ग है , सुदूर गाँव में रहने वाला जो अंगूठा छाप है ।
भेदभाव चाहे जितने हों लेकिन रहते सब एक ही समाज में हैं , और सब परस्पर निर्भर हैं ---- एक माला के मोती की तरह ।
परस्पर निर्भरता को समझ न पाने के कारण या अपने अहंकार के कारण दूसरे वर्ग को उपेक्षित करने , अनदेखा करने के कारण ही विभिन्न प्रकार के अपराध और अशान्ति उत्पन्न होती है ।
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