ईश्वर - विश्वास रखने से मानसिक संतुलन भंग नहीं होता जैसे --- यदि थोड़े से प्रयास से बड़ी सफलता मिल जाती है तो इसे केवल अपने ही प्रयासों का फल मानकर अति प्रसन्न न हों , इसे ईश्वर की देन समझकर मन पर नियंत्रण रखें ।
इसी प्रकार कई लोग बहुत प्रयास करते हैं लेकिन विफलता सामने आती है तो बहुत निराश हो जाते हैं , कई लोग बड़ा धोखा होने पर विक्षिप्त से हो जाते हैं लेकिन यदि हमें ईश्वर पर विश्वास है तो इसे प्रारब्ध या कर्मफल मानकर अपने मन को समझा लेंगे और फिर उन समस्याओं से निपटने के लिए सकारात्मक प्रयास करेंगे ।
विषमताओं से भरे इस संसार में मन का संतुलन अनिवार्य है , ईश्वर - विश्वास से हमें शक्ति मिलती है और समस्याओं से निपटने के लिए प्रेरणा मिलती है ।
इसी प्रकार कई लोग बहुत प्रयास करते हैं लेकिन विफलता सामने आती है तो बहुत निराश हो जाते हैं , कई लोग बड़ा धोखा होने पर विक्षिप्त से हो जाते हैं लेकिन यदि हमें ईश्वर पर विश्वास है तो इसे प्रारब्ध या कर्मफल मानकर अपने मन को समझा लेंगे और फिर उन समस्याओं से निपटने के लिए सकारात्मक प्रयास करेंगे ।
विषमताओं से भरे इस संसार में मन का संतुलन अनिवार्य है , ईश्वर - विश्वास से हमें शक्ति मिलती है और समस्याओं से निपटने के लिए प्रेरणा मिलती है ।
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