बड़े अपराधों की शुरुआत एक छोटे अपराध से होती है । जब एक व्यक्ति कोई अपराध करता है और अपने धन - सम्पदा , नेताओं और उच्च अधिकारियों से पहचान , समाज में अपने परिवार का उच्च स्तर , सबूतों का अभाव आदि अनेक कारणों से वह दंड से बच जाता है ।
इस बात का प्रभाव केवल उसके जीवन पर ही नहीं पड़ता अपितु उससे समूचा समाज प्रभावित होता है । दंड से बच जाने पर हजारों , लाखों में से कोई एक व्यक्ति सुधरता है अधिकांश लोग जब एक बार सजा से बच जाते हैं तो उनकी हिम्मत खुल जाती है फिर वे और बड़े - बड़े अपराध करने लगते हैं ।
इसका सबसे नकारात्मक प्रभाव यह होता है कि अपराधी का लेबल लग जाने पर कोई सम्मानित नौकरी नहीं मिलती इसलिए वे लोग गलत धन्धों में लग जाते हैं , और ऐसे ही गलत व्यवसायों में आगे बढ़कर अधिक धन और ताकत अर्जित कर लेते हैं ।
ऐसे अपराधियों की भी एक श्रंखला बन जाती है । अनेक लोग जो शराब , मांसाहार , नशा , तम्बाकू , अश्लील साहित्य और कला को बेचना , देश के प्राकृतिक साधनों की चोरी आदि अनेक गैर कानूनी धन्धों में लगे रहते हैं वे अनेक लोगों को अपने इन काले धंधों में जोड़ लेते हैं । कोई मजबूरीवश इन धन्धों से जुड़ता है , किसी को ये लोग फंसा लेते हैं फिर ब्लैक मेल कर अपने इन अपराधिक कार्यों से जोड़े रखते हैं और कोई जन्मजात ही अपराधी होता है । इस तरह अपराध का एक बहुत बड़ा साम्राज्य कायम हो जाता है ।
आज धन का बहुत महत्व है , लोग धनी लोगों का सम्मान करते हैं चाहे उसने वह धन कैसे भी कमाया हो । इसी कारण आज समाज में असली अपराधी कौन है यह जानना बहुत कठिन है ।
विज्ञानं ने भी बहुत तरक्की कर ली , जो लोग अपराधी प्रवृति के वे इन साधनों का भी दुरूपयोग करते हैं । जो अपराधी प्रवृति के लोग होते हैं वे कायर होते हैं और पुरे समाज को उत्पीड़ित करते हैं ।
आज की सबसे बड़ी जरुरत है ---- अच्छाई ईमानदारी से और नि:स्वार्थ भाव से संगठित हो ।
कहते हैं सत्य में हजार हाथियों का बल होता है । संघर्ष चाहे लम्बा हो जीत सत्य की होती है ।
इस बात का प्रभाव केवल उसके जीवन पर ही नहीं पड़ता अपितु उससे समूचा समाज प्रभावित होता है । दंड से बच जाने पर हजारों , लाखों में से कोई एक व्यक्ति सुधरता है अधिकांश लोग जब एक बार सजा से बच जाते हैं तो उनकी हिम्मत खुल जाती है फिर वे और बड़े - बड़े अपराध करने लगते हैं ।
इसका सबसे नकारात्मक प्रभाव यह होता है कि अपराधी का लेबल लग जाने पर कोई सम्मानित नौकरी नहीं मिलती इसलिए वे लोग गलत धन्धों में लग जाते हैं , और ऐसे ही गलत व्यवसायों में आगे बढ़कर अधिक धन और ताकत अर्जित कर लेते हैं ।
ऐसे अपराधियों की भी एक श्रंखला बन जाती है । अनेक लोग जो शराब , मांसाहार , नशा , तम्बाकू , अश्लील साहित्य और कला को बेचना , देश के प्राकृतिक साधनों की चोरी आदि अनेक गैर कानूनी धन्धों में लगे रहते हैं वे अनेक लोगों को अपने इन काले धंधों में जोड़ लेते हैं । कोई मजबूरीवश इन धन्धों से जुड़ता है , किसी को ये लोग फंसा लेते हैं फिर ब्लैक मेल कर अपने इन अपराधिक कार्यों से जोड़े रखते हैं और कोई जन्मजात ही अपराधी होता है । इस तरह अपराध का एक बहुत बड़ा साम्राज्य कायम हो जाता है ।
आज धन का बहुत महत्व है , लोग धनी लोगों का सम्मान करते हैं चाहे उसने वह धन कैसे भी कमाया हो । इसी कारण आज समाज में असली अपराधी कौन है यह जानना बहुत कठिन है ।
विज्ञानं ने भी बहुत तरक्की कर ली , जो लोग अपराधी प्रवृति के वे इन साधनों का भी दुरूपयोग करते हैं । जो अपराधी प्रवृति के लोग होते हैं वे कायर होते हैं और पुरे समाज को उत्पीड़ित करते हैं ।
आज की सबसे बड़ी जरुरत है ---- अच्छाई ईमानदारी से और नि:स्वार्थ भाव से संगठित हो ।
कहते हैं सत्य में हजार हाथियों का बल होता है । संघर्ष चाहे लम्बा हो जीत सत्य की होती है ।
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