इस संसार में विभिन्न देश , अनेक जातियाँ, विभिन्न संस्कृतियाँ हैं लेकिन आज के इस वैज्ञानिक युग में केवल दो जाति और दो ही शक्ति हैं ------ अन्धकार और प्रकाश ।
अनेक छोटी - छोटी इकाइयों , सूक्ष्म कणों से मजबूती के साथ मिलकर यह अन्धकार बहुत सघन हो गया है । इस क्षेत्र के प्रमुख अस्त्र हैं --- नशा , मांसाहार , अश्लीलता , अपहरण , उत्पीड़न, बलात्कार , हत्या------ अपराध ! । मनुष्य , प्रकृति , समस्त जीवधारी , सबका शोषण , उन्हें कष्ट देना ही उनके मनोरंजन का साधन है ।
दूसरी तरफ प्रकाश है --- इसमें दया , करुणा, संवेदना , सहयोग की भावना है लेकिन यह प्रकाश बिखरा हुआ है । अन्धकार को पराजित करने के लिए , उसकी तह तक पहुँचने के लिए तीव्र प्रकाश की जरुरत है ।
यह प्रकाश बुद्धि और विवेक का हो l किसी भी अस्त्र - शस्त्र से अन्धकार को पराजित नहीं किया जा सकता । । नि:स्वार्थ सेवा और अच्छी - बुरी कैसी भी परिस्थिति में निष्काम भाव से , ईमानदारी से कर्तव्य पालन से ही वह आत्मिक शक्ति प्राप्त होगी जिससे अन्धकार पर विजय प्राप्त की जा सकती है ।
अनेक छोटी - छोटी इकाइयों , सूक्ष्म कणों से मजबूती के साथ मिलकर यह अन्धकार बहुत सघन हो गया है । इस क्षेत्र के प्रमुख अस्त्र हैं --- नशा , मांसाहार , अश्लीलता , अपहरण , उत्पीड़न, बलात्कार , हत्या------ अपराध ! । मनुष्य , प्रकृति , समस्त जीवधारी , सबका शोषण , उन्हें कष्ट देना ही उनके मनोरंजन का साधन है ।
दूसरी तरफ प्रकाश है --- इसमें दया , करुणा, संवेदना , सहयोग की भावना है लेकिन यह प्रकाश बिखरा हुआ है । अन्धकार को पराजित करने के लिए , उसकी तह तक पहुँचने के लिए तीव्र प्रकाश की जरुरत है ।
यह प्रकाश बुद्धि और विवेक का हो l किसी भी अस्त्र - शस्त्र से अन्धकार को पराजित नहीं किया जा सकता । । नि:स्वार्थ सेवा और अच्छी - बुरी कैसी भी परिस्थिति में निष्काम भाव से , ईमानदारी से कर्तव्य पालन से ही वह आत्मिक शक्ति प्राप्त होगी जिससे अन्धकार पर विजय प्राप्त की जा सकती है ।
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