आज के समय में स्वार्थ इस कदर हावी है कि व्यक्ति अपने सुख के अतिरिक्त अन्य किसी के बारे में कुछ सोच ही नहीं सकता l लोगों को किसी से सहानुभूति , संवेदना नहीं रही । कहीं कोई घटना - दुर्घटना होती है तो लोग तमाशा देखते हैं कोई मदद नहीं करता l किसी के साथ कोई घटना - दुर्घटना होती है तमाशा देखने वाले लोग ज्यादा होते हैं । सहानुभूति व संवेदना की कमी ही अशांति का कारण है । लोग तब तक जागरूक नहीं होते जब तक मुसीबत उनके सिर पर न आ जाये । बाढ़ आने से पहले ही सुरक्षा का इंतजाम करना चाहिए वर्ना उस में सब कुछ बह जाता है ।
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